इर्ष्या की भावना को कभी खुद में जगने नहीं दिया, कभी इस भावना तक अपने आप को पहुँचने ना इर्ष्या की भावना को कभी खुद में जगने नहीं दिया, कभी इस भावना तक अपने आप को प...
मजबूती से थामों एक दूजे का हाथ। यही पुनीत भावना, करो नित्य साधना।। मजबूती से थामों एक दूजे का हाथ। यही पुनीत भावना, करो नित्य साधना।।
कविता काव्य पाठ कहानियां दिल कि बात ही तो है ! कविता काव्य पाठ कहानियां दिल कि बात ही तो है !
सच में तुम मुझसे अलग हो मैं तुमसे अलग हूँ। सच में तुम मुझसे अलग हो मैं तुमसे अलग हूँ।
सब कुछ ही अपना समर्पित किया है, तुमको है माँ भारती सब कुछ ही अपना समर्पित किया है, तुमको है माँ भारती
जब कुछ करने से डर लगता है, तो आईने के सामने जाकर खड़ी हो जाती हूं, जब कुछ करने से डर लगता है, तो आईने के सामने जाकर खड़ी हो जाती हूं,